वेलेंटाइन डे एक षड्यंत्र है
वैलेंटाइन डे एक प्रोपेगेंडा षड्यंत्र है
क्या दुनिया के दूसरे देश होली दिवाली दशहरा मनाते हैं, नहीं ना
तो फिर हम क्यों वैलेंटाइन डे मनाए।
अरे इनसे अच्छे तो हो हमारे देश के मुस्लिम भाई बहन हैं जो हमारे साथ होली दिवाली दशहरा धूमधाम से मनाते हैं।
बड़े ही बेहोश लोग हैं हम,जिन्होंने हमारे पूर्वजों पर 200 वर्षों तक राज किया, हमारे पूर्वजों पर अनगिनत अत्याचार किए, हम उन्हीं का गुणगान कर रहे हैं, आपको मेरी बात काटे की तरह चुभ रही होगी, क्योंकि मैं आपकी सोच के खिलाफ बोल रहा हूं और आपको नफरत करना सिखा रहा हूं क्योंकि 14 फरवरी प्यार, मोहब्बत, त्याग बलिदान का दिन है, इस दिन वैलेंटाइन नाम के एक व्यक्ति ने प्रेम के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था।
अगर आप ऐसा सोचते हो तो आपकी बात भी सत्य है पर आपका यह सत्य आंशिक है, पूर्ण नहीं है, और आने वाले 4 मिनट में, मैं आपकी यह गलतफहमी दूर कर दूंगा।
वैलेंटाइन डे प्रेम इश्क मोहब्बत का दिन नहीं है बल्कि यह एक सोचा समझा षड्यंत्र है, हमारी सभ्यता के खिलाफ, हमारी संस्कृति के खिलाफ, और हमारे संस्कारों के खिलाफ
आज पूरा पश्चिम नग्न खड़ा है और वह पूरे विश्व को नग्न करने के लिए आतुर भी है, पश्चिम के 90% मनुष्यों का यह सहमति विचार है कि जीवन का अर्थ काम है और पूरा पश्चिम काम में डूबा हुआ प्रतीत होता है, अब पश्चिम को भी यह आभास हो चुका है कि उनकी वासना बहुत विशाल है, और हमारी भारतीय विचार पूर्णतया इसके विपरीत है, इसीलिए अब यह वैचारिक युद्ध बन चुका है, अगर पश्चिम अपनी वासना शांत करने के लिए भारत जैसे संस्कारी देश से अपेक्षा रखता है तो मेरे ख्याल से यह उसकी भूल है क्योंकि अगर यह पश्चिम के बस का काम होता तो हजारों साल पहले ही हो चुका होता इसीलिए अब पश्चिम एक नई नीति पर काम के लिए काम कर रहा है और उनके इस षड्यंत्र का नाम है
"विचारनीति"!
अब किसी देश को जीतने के लिए बड़े-बड़े सेनाओं ओर परमाणु बमों की आवश्यकता नहीं है, अब मनुष्य के मस्तिष्क ने इतनी उन्नति कर ली है कि उसे कुछ करने के लिए कुछ करने की जरूरत नहीं है, बस सही ढंग से सोचने की जरूरत है, इसीलिए पश्चिम करोड़ों डॉलर खर्च कर वैलेंटाइन डे का जोर शोर से प्रचार प्रसार कर रहा है और विश्व की युवा पीढ़ी को आकर्षित कर रहा है क्योंकि सभी देशों का गौरव उसकी ऊर्जा वहां के युवा होते हैं और उन्हीं युवाओं की सोच को बदल दिया जाए तो उस देश पर नियंत्रण करना बहुत मुश्किल काम नहीं है।
और मेरी स्पष्ट बात यह है कि
पहले तुम अंग्रेजों से होली दिवाली दशहरा मनवाकर दिखाओ फिर इनके क्रिसमस डे, न्यू ईयर और वैलेंटाइन डे मनाना।
यह सभी पश्चिम के आयोजित आयोजन है जिन के जाल में आज दोबारा सीधा साधा भारती फंसता नजर आ रहा है क्योंकि हमारे देश की व्यवस्था ही हमें अंग्रेजों के पीछे भागने के लिए विवश करती है हमारे देश के सभी बुद्धिजीवी अंग्रेजी में बात करते हैं अंग्रेजों की तरह कपड़े पहनते हैं। एक्टर क्रिकेटर डॉक्टर इंजीनियर सभी अंग्रेजी मैं बात करते हैं और हिंदी में बात करने के लिए नेताजी है क्योंकि इन्हें अंग्रेजी नहीं आती नहीं है 🤪🤪
सच कहूं तो हम भारत के लोग बहुत ही सीधे-साधे और सरल है लाखो वर्ष पुराना इतिहास है हमारा, जिसे ना तो विश्व मानता है और ना हम मानते, पर पता सबको है।
और अंत में यही कहूंगा कि वैलेंटाइन डे एक षड्यंत्र हैं इसके जाल में ना फंसे और इस बात की पुष्टि करने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक कीजिए और खुद ही देख लीजिए
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Supriya Pathak
18-Sep-2022 12:08 AM
Bahut khoob likha hai aapne 🌺🙏
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Pratikhya Priyadarshini
16-Sep-2022 04:44 PM
Achha likha hai 💐
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Raziya bano
15-Sep-2022 09:50 PM
Right 👍
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